आज तक किसी ऋषि, महर्षि धर्मगुरू ने
सृष्टि रचना की सही जानकारी नहीं दी..
कबीर परमेश्वर जी ने सृष्टि रचना का यथार्थ जानकारी शास्त्र प्रमाण सहित दी।
कबीर परमेश्वर ने आकर यथार्थ भक्ति विधि बताई, जो अत्यधिक सरल है जिसे रोजमर्रा के काम करते हुए भी कर सकते हैं।
नाम उठत, नाम बैठत, नाम सोवत जाग वे।
नाम खाते, नाम पीते, नाम सेती लाग वे।।
कबीर परमेश्वर जी ने सृष्टि की रचना का वास्तविक ज्ञान कराया व बयाता किस प्रभु की भक्ति करने से सर्व सुख व पूर्ण मोक्ष मिल सकता है।
धर्मदास यह जग बौराना, कोई न जाने पद निरवाना,
यही कारण मैं कथा पसारा, जग से कहियो एक राम न्यारा।
कबीर परमेश्वर जी ने मानव को समझाया कि गुरू के बिना भक्ति करना निष्फल है। राम कृष्ण ने भी गुरु बनाकर भक्ति की इसलिए गुरू बनाना आवश्यक है। गुरू पूरा हो
कबीर साहेब जी से पहले केवल तीन लोक तक का ज्ञान था। कबीर परमात्मा ने सतलोक (अमर लोक) का भेद बताया तथा उसकी प्राप्ति की भक्ति विधि बताई।
कबीर परमेश्वर ने बताया कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश की भी जन्म तथा मृत्यु होती है। इनकी माता दुर्गा तथा पिता काल (ब्रह्म) हैं।
कबीर, मां अष्टांगी पिता निरंजन, ये जम दारुण वंशन अंजन।
तीन पुत्र अष्टंगी जाए, ब्रह्मा विष्णु शिव नाम धराए।
कौन ब्रह्मा का पिता है, कौन विष्णु की मां
शंकर का दादा कौन है, हमको दे बता?
कबीर परमेश्वर जी ने सृष्टि रचना में ब्रह्मा विष्णु महेश के माता-पिता और दादा की संपूर्ण जानकारी प्रमाण सहित बताई।
कबीर परमेश्वर जी ने गुरू और सतगुरू में भेद बताया तथा सच्चे गुरु के लक्षण बताए।
सतगुरु के लक्षण कहु, मधुरे बेन विनोद, चार वेद छः सास्त्र, वो कह अट्ठारह बोध।। पूर्ण परमात्मा कौन है, कैसा है, कहां रहता है, कैसे मिलता है और किसने देखा है?
यथार्थ जानकारी प्रमाण सहित कबीर परमात्मा जी ने बताई।
कबीर साहिब जी ने तत्वज्ञान दिया कि मानव जीवन में सतगुरु बनाकर भक्ति करना परमावश्यक है। सच्चे गुरु की शरण में जाकर दीक्षा लेने से ही पूर्ण लाभ मिलेगा, अन्यथा मानव जीवन बर्बाद है।
कबीर परमात्मा द्वारा बताई सृष्टि रचना की जानकारी से ही हमे पता चलता है कि गीता का ज्ञान श्रीकृष्ण में प्रवेश करके काल/ब्रह्म ने बोला, ब्रह्मा विष्णु शिव भी जन्म मृत्यु में है, तथा इनके भी माता पिता है। इसका प्रमाण अन्य शास्त्रों में भी मिलता है कबीर परमेश्वर जी ने सभी धर्मों के लोगों को संदेश दिया कि सब मानव एक परमात्मा की संतान है। परमात्मा ने सबको एक बनाया है। अज्ञानता वश हम अलग-अलग जाति धर्मों में बंट गये। भगवान के घर कोई जाति धर्म नहीं है।
सर्वप्रथम पूर्ण परमात्मा कबीर परमेश्वर ने ही बताया कि अलग-अलग देवों की भक्ति से मिलने वाले लाभ का स्तर भी अलग-अलग है। परंतु सर्वोच्च स्तर पूर्ण परमात्मा का ही है। जो मोक्ष दायक भी है।
तीन देव की जो करते भक्ति, उनकी की भी न होवै मुक्ति।
कबीर परमेश्वर ने बताया कि रजगुण ब्रह्माजी, सतगुण विष्णुजी, तमगुण शिवजी तक की साधना करने वाले साधकों की मोक्ष नहीं हो सकती कबीर परमेश्वर जी ने लोगों को नशा, मांस भक्षण तथा शराब सेवन से दूर रहने की प्रेरणा दी। बुराइयों से मनुष्य के शारीरिक दुर्गति के साथ आध्यात्मिक पतन भी होता है। कभी परमेश्वर जी ने मानव को समझाते हुए कहा कि मनुष्य जीवन में भक्ति करना अत्यावश्यक है अन्यथा जीवन हानि होगी तथा नरक व चौरासी का कष्ट भुगतना पडेगा।
कबीर, मानुष जन्म पाय कर, नहीं रटे हरि नाम।
जैसे कुआं जल बिना, बनवाया किस काम।।
वह पूर्ण परमात्मा केवल कबीर साहेब जी उन्होंने ही अपने सभी धर्मो के सद्ग्रन्थों का ज्ञान मानव समाज को दिया है।
वेद प्रमाणित करते है कि वह कबीर देव है उसकी जानकारी आज संत रामपाल जी महाराज जी दे रहे हैं।
अवश्य देखें संत रामपाल जी महाराज जी के सुप्रसिद्ध चैंनलों पर सत्संग
👉साधना टीवी पर 7:30 से 8:30 पीएम
👉ईश्वर टीवी पर 8:30 से 9:30 पीएम
👉श्रद्धा टीवी पर 2:00 से 3:00 am
सृष्टि रचना की सही जानकारी नहीं दी..
कबीर परमेश्वर जी ने सृष्टि रचना का यथार्थ जानकारी शास्त्र प्रमाण सहित दी।
कबीर परमेश्वर ने आकर यथार्थ भक्ति विधि बताई, जो अत्यधिक सरल है जिसे रोजमर्रा के काम करते हुए भी कर सकते हैं।
नाम उठत, नाम बैठत, नाम सोवत जाग वे।
नाम खाते, नाम पीते, नाम सेती लाग वे।।
कबीर परमेश्वर जी ने सृष्टि की रचना का वास्तविक ज्ञान कराया व बयाता किस प्रभु की भक्ति करने से सर्व सुख व पूर्ण मोक्ष मिल सकता है।
धर्मदास यह जग बौराना, कोई न जाने पद निरवाना,
यही कारण मैं कथा पसारा, जग से कहियो एक राम न्यारा।
कबीर परमेश्वर जी ने मानव को समझाया कि गुरू के बिना भक्ति करना निष्फल है। राम कृष्ण ने भी गुरु बनाकर भक्ति की इसलिए गुरू बनाना आवश्यक है। गुरू पूरा हो
कबीर साहेब जी से पहले केवल तीन लोक तक का ज्ञान था। कबीर परमात्मा ने सतलोक (अमर लोक) का भेद बताया तथा उसकी प्राप्ति की भक्ति विधि बताई।
कबीर परमेश्वर ने बताया कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश की भी जन्म तथा मृत्यु होती है। इनकी माता दुर्गा तथा पिता काल (ब्रह्म) हैं।
कबीर, मां अष्टांगी पिता निरंजन, ये जम दारुण वंशन अंजन।
तीन पुत्र अष्टंगी जाए, ब्रह्मा विष्णु शिव नाम धराए।
कौन ब्रह्मा का पिता है, कौन विष्णु की मां
शंकर का दादा कौन है, हमको दे बता?
कबीर परमेश्वर जी ने सृष्टि रचना में ब्रह्मा विष्णु महेश के माता-पिता और दादा की संपूर्ण जानकारी प्रमाण सहित बताई।
कबीर परमेश्वर जी ने गुरू और सतगुरू में भेद बताया तथा सच्चे गुरु के लक्षण बताए।
सतगुरु के लक्षण कहु, मधुरे बेन विनोद, चार वेद छः सास्त्र, वो कह अट्ठारह बोध।। पूर्ण परमात्मा कौन है, कैसा है, कहां रहता है, कैसे मिलता है और किसने देखा है?
यथार्थ जानकारी प्रमाण सहित कबीर परमात्मा जी ने बताई।
कबीर साहिब जी ने तत्वज्ञान दिया कि मानव जीवन में सतगुरु बनाकर भक्ति करना परमावश्यक है। सच्चे गुरु की शरण में जाकर दीक्षा लेने से ही पूर्ण लाभ मिलेगा, अन्यथा मानव जीवन बर्बाद है।
कबीर परमात्मा द्वारा बताई सृष्टि रचना की जानकारी से ही हमे पता चलता है कि गीता का ज्ञान श्रीकृष्ण में प्रवेश करके काल/ब्रह्म ने बोला, ब्रह्मा विष्णु शिव भी जन्म मृत्यु में है, तथा इनके भी माता पिता है। इसका प्रमाण अन्य शास्त्रों में भी मिलता है कबीर परमेश्वर जी ने सभी धर्मों के लोगों को संदेश दिया कि सब मानव एक परमात्मा की संतान है। परमात्मा ने सबको एक बनाया है। अज्ञानता वश हम अलग-अलग जाति धर्मों में बंट गये। भगवान के घर कोई जाति धर्म नहीं है।
सर्वप्रथम पूर्ण परमात्मा कबीर परमेश्वर ने ही बताया कि अलग-अलग देवों की भक्ति से मिलने वाले लाभ का स्तर भी अलग-अलग है। परंतु सर्वोच्च स्तर पूर्ण परमात्मा का ही है। जो मोक्ष दायक भी है।
तीन देव की जो करते भक्ति, उनकी की भी न होवै मुक्ति।
कबीर परमेश्वर ने बताया कि रजगुण ब्रह्माजी, सतगुण विष्णुजी, तमगुण शिवजी तक की साधना करने वाले साधकों की मोक्ष नहीं हो सकती कबीर परमेश्वर जी ने लोगों को नशा, मांस भक्षण तथा शराब सेवन से दूर रहने की प्रेरणा दी। बुराइयों से मनुष्य के शारीरिक दुर्गति के साथ आध्यात्मिक पतन भी होता है। कभी परमेश्वर जी ने मानव को समझाते हुए कहा कि मनुष्य जीवन में भक्ति करना अत्यावश्यक है अन्यथा जीवन हानि होगी तथा नरक व चौरासी का कष्ट भुगतना पडेगा।
कबीर, मानुष जन्म पाय कर, नहीं रटे हरि नाम।
जैसे कुआं जल बिना, बनवाया किस काम।।
वह पूर्ण परमात्मा केवल कबीर साहेब जी उन्होंने ही अपने सभी धर्मो के सद्ग्रन्थों का ज्ञान मानव समाज को दिया है।
वेद प्रमाणित करते है कि वह कबीर देव है उसकी जानकारी आज संत रामपाल जी महाराज जी दे रहे हैं।
अवश्य देखें संत रामपाल जी महाराज जी के सुप्रसिद्ध चैंनलों पर सत्संग
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