सिकंदर लोधी के धार्मिक गुरु शेखतकी पीर ने कबीर साहेब को नीचा दिखाने के लिए 3दिन के भंडारे की कबीर साहेब के नाम से सभी सब जगह झूठी चिट्ठी
डाली थी कबीर जी 3दिन का भंडारा करेंगे फिर कबीर साहेब ने 3दिन का भंडारा भी करा दिया था और कबीर साहेब की महिमा भी हुई।।
कबीर परमेश्वर को शेखतकी ने उबलते हुए तेल में बिठाया। लेकिन कबीर साहेब ऐसे बैठे थे जैसे कि तेल गर्म ही ना हो। सिकन्दर बादशाह ने तेल के परीक्षण के लिए अपनी उंगली डाली, तो उसकी उंगली जल गई। लेकिन अविनाशी कबीर परमेश्वर जी को कुछ भी नहीं हुआ।
सिकंदर लोधी के धार्मिक गुरु शेखतकी पीर कबीर जी को मारने के लिए उन्हें खूनी हाथी के आगे बांध कर डाला गया।
लेकिन अविनाशी कबीर जी ने हाथी को शेर रूप दिखा दिया। जिससे हाथी भयभीत होकर भाग गया।
सबने कबीर जी की जय जयकार की।
इसी तरह कबीर परमात्मा को ख़त्म करने के लिए हिन्दू और मुस्लिम धर्मगुरुओं ने बहुत से प्रयास किये।बादशाह सिकंदर लोधी से उनकी झूठी शिकायतें करके उनको कई बार सज़ा करवाने की कोशिश की गयी।ऐसे ही एक बार सिकंदर लोधी ने कबीर साहेब को हाथी से कुचलवाने की सजा ।।
कबीर साहेब सिकंदर लोधी के दरबार में बैठकर सत्संग कर रहे थे। तब शेखतकी ने सिपाही से कहा लोहे को गर्म करके पानी की तरह कबीर जी के ऊपर डाल दो ठीक ऐसा ही हुआ ।जब लोहा पिलाकर कबीर जी के ऊपर डाला गया तब फूल बन गया मानो फूलों की वर्षा होने लगी।
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब जी अविनाशी है इनको कोई नही मार सकता है इन नकली धर्म गुरुओ के द्वारा किए गए सारे अत्याचार फेल हुए।
आए जानते है कि वाक्य में परमात्मा किसे कहते है??
हम किसे परमात्मा मानते हैं?
क्या सत्य ज्ञान देने वाले को परमात्मा मानोगे?
या चमत्कार दिखाने वाले का परमात्मा मानोगे?
कबीर परमात्मा ने यह दोनों ही करके दिखाए हैं!!
लेकिन फिर भी लोगों ने उन्हें सिर्फ एक कवि माना परमात्मा नहीं।
आखिर क्यो??
अवश्य देखे इन प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए संत रामपाल जी महाराज के सुप्रसिद्ध चैंनलों पर सत्संग।।
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