Thursday, June 4, 2020

कबीर साहेब का प्रकट दिवस बनाया जाता हैं न कि जयंती।।

 परमात्मा कबीर साहिब जी 600 साल पहले काशी में एक शिशु के रूप में कमल के फूल पर प्रकट हुए थे और हजारों लोगों की उपस्थिति में मगहर से सतलोक गए थे। शव के स्थान पर फूल मिले थे, जिसके प्रमाण मगहर में मौजूद हैं। इसलिए, कबीर साहिब का प्रकट दिवस मनाया जाता है, न कि जयंती।

कबीर परमात्मा माँ से जन्म नहीं लेते। उनका शरीर पाँच  तत्ववों से बने रक्त-मांस का नहीं है, बल्कि एक तत का अमर शरीर है, और इसलिए प्रकट दिवस मनाया जाता है, न कि कबीर साहेब की जयंती।

 चाम लाहु न मोरे, जन सतनाम उपसी।
 तारण तरण अभय पद (मोक्ष) दाता, मुख हूं कबीर अविनाशी ।।

वर्ष 1398 में, ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा के दिन, कबीर परमेस्वर ब्रह्म मुहूर्त में सत्यलोक से आए और लहराटारा तालाब में कमल के फूल पर विराजमान हुए। जहां से निःसंतान बुनकर दंपत्ति नीरू-नीमा उसे ले गए। प्रत्येक वर्ष इस अवसर पर कबीर प्रकट दिवस मनाया जाता है।
 कबीर, ना मेरा जनम न गरभ बसरा, बालक बन दिखलाया।
काशी नगर जल कमल प्र डेरा, यहां जुलाहे न पावे ।।

परमारेश्वर कबीर साहिब जी 600 साल पहले काशी में एक शिशु के रूप में कमल के फूल पर दिखाई दिए और मगहर से चले गए। हजारों लोगों की उपस्थिति में, वह अपने शरीर के साथ सतलोक गया। शव के स्थान पर फूल मिले थे, जिसके प्रमाण आज भी मगहर में मौजूद हैं। इसलिए, कबीर साहिब का प्रकट दिवस मनाया जाता है, न कि जयंती।
* कबीर साहेब स्वयं प्रकट होते हैं, इसलिए अभिव्यक्ति का दिन मनाया जाता है *
 ऋग्वेद मंडल १०, सूक्त ४, मन्त्र ३ में स्पष्ट है कि माता परमात्मा को जन्म नहीं देती है, लेकिन वे स्वयं अपनी आत्मा को काल के बंधन से छुड़ाने के लिए अपनी शब्द शक्ति द्वारा उन्हें शिशु रूप में प्रकट करते हैं।
 इस बात के प्रमाण हैं कि कबीर परमेश्वर ने काशी लाहरतार सरोवर में कमल के फूल पर स्वयं को प्रकट किया, जिसका चित्रण अष्टानंद ऋषि थे।

कबीर परमेश्वर का प्रकट दिवस मनाया जाता है, जयंती नहीं। जो जन्म लेता है उसके लिए जयंती मनाई जाती है। कबीर परमेश्वर जन्म और मृत्यु से मुक्त हैं और वे अविनाशी हैं। काशी में लहराटारा तालाब में कमल के फूल और माघ में सतलोक जाने के बाद शरीर के स्थान पर फूल खोजने के साक्ष्य मिले हैं। इसलिए, कबीर परमेश्वर का प्रकट दिवस मनाया जाता है।
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👉 Note
#कबीरसाहेब  जी प्रकट दिवस  के उपलक्ष में  कल यानी 5 जून साधना चैंनल 📺 पर क सुबह🕗 9:00बजे  से 12:00तक सत्संग प्रसारित किया जायेगा।
 अवश्य देखे।।

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