जन्माष्टमी
श्री कृष्ण जी के पांडवों द्वारा किए गए अश्वमेध यज्ञ में उपस्थित रहने के बाद भी वह यज्ञ संपूर्ण नहीं हुआ कि श्री कृष्ण जी के तीन लोक के भगवान है और पूर्ण परमात्मा कबीर साहिब जी है जो अविनाशी है जिन्होंने दो रोटी खा कर 7 पीढ़ी राज दिया वही परमात्मा शक्तिशाली है ।
श्री कृष्ण जी तीन लोक के स्वामी है ये हमे पिछले जन्म का किया हुआ ही हमे ये प्रधान कर सकते है।असंख्य ब्रमांड का स्वामी कबीर परमेश्वर जी है जो हमारे ऊपर आये हुई सभी पाप कर्मों को काट देते है तथा व्यक्ति को सुखी जीवन प्रधान करते है।
श्री कृष्ण जी ने इंद्र जो देवी देवताओं का राजा है उसकी पूजा भी छुड़वा कर उस एक परमात्मा की भक्ति करने के लिए प्रेरणा दी थी जिस कारण उन्होंने गोवर्धन पर्वत उठाकर इंद्र के को कोप बृजवासी की रक्षा की वह परमेश्वर कबीर जी है।
परमेश्वर कबीर साहिब जी ने अपने सतलोक से सशरीर आए थे और लाखों लोगों की उपस्थिति में सशरीर चले गई थे जबकि श्री कृष्ण का जन्म मां की कोख से पैदा हुए है और शिकारी के तीर से मृत्यु को प्राप्त हुए वेदों में लिखा है कि भगवान कभी मां के गर्भ से जन्म नहीं लेता है।
श्री कृष्ण जी महाभारत का युद्ध चाह कर भी नही रुकवा सके और जिसमे करोड़ों लोग मारे गए वही कबीर साहिब जी ने अपनी अंतिम समय मैं हिंदू मुस्लिम के बीच में होने वाले महाविनाश को भी रोक लिया था केवल शक्तिशाली परमात्मा तो केवल कबीर साहिब जी है।
श्री कृष्ण जी बांसुरी बजाते थे तो आसपास की गोपियां और गाये आ कर सुनते थे परमेश्वर कबीर साहिब जी ने यमुना के किनारे एक बात बांसुरी बजाई थी तो यमुना का पानी स्थिर हो गया सभी पशु पक्षी यहां तक की आसमान में देवता भी उस बांसुरी की मधुर आवाज को सुनने के लिए पृथ्वी पर आ गए थे
तो आए जानते हैं कि वह शक्तिशाली परमेश्वर कौन है तथा कहा पर रहता था किसने देखा एयर उसके पाने की विधि क्या है।
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